दादा की कहानी उसी की जुबानी -
भोत पुराणी बात है मेरी सगाई करण नै आया जद की।
मेरी सगाई करण नै घर दो आदमी आया एक तो मेरो सुसरो अरै एक सुसरै को भाई।
नेगचार करके सुसरो मन्ने एक खोपरो दियो और खोपरे ने मैं बीके सामै ही 2 बटका भर की खाग्यो।
सुसरो कई बार तक तो मेर कानी देख्यो अरै बाद मे थुथकारो घालकी बोल्यो क- " थू थू जँवाई की जाङ तो गण्डक की सी है "😝😝😝😝😝